किसानों ने कहा सरकार बना रही उल्लू, खाते से पैसे आकर चला जा रहा है।
जौनपुर(01मार्च)। किसान सम्मान निधि योजना के तहत जनपद के किसानों के खाते में पैसे आए तो सभी के चेहरों पर खुशी झलक रही थी। लेकिन कुछ किसानों के चेहरे पर उस समय मायूसी छा गई जब उनके खाते में आया पैसा अचानक से वापस हो गया। बैंक अधिकारियों की मानें तो जिले में तकरीबन 5000 से अधिक किसानों के खाते की योजना के तहत आए पैसे उसी दिन ही वापस हो गए हैं। तकरीबन 75000 किसानों के खातों में पहली किस्त के रूप में रू.2000 केंद्र सरकार ने डीबीटी के माध्यम से भेजा था।
जानकारी के मुताबिक जिले में छः लाख 55 हजार किसान हैं। इसमें दो हेक्टेयर जोत वाले किसानों की संख्या 635852 की है। आधार कार्ड और बैंक पासबुक के आधार पर राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जांच के बाद 3,50,000 किसानों की ऑनलाइन फीडिंग कर दिया है। इसमें जांच के बाद अभी तक 1,35,000 किसान पात्र पाए गए हैं।
24 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने गोरखपुर में इस योजना का शुभारंभ किया जिसके बाद जिले में 75,000 किसानों के खाते में दो 2000 रूपए आने का दावा किया गया। सूत्रों की मानें तो 5000 से अधिक किसानों के खाते से रुपए वापस हो गए। किसान बैंक जाकर जब अपने खाते का विवरण ले रहे हैं तो उन्हें इस बात का पता चल रहा है।
सीडीओ गौरव वर्मा ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 5 किसानों के खाते में सीधे धनराशि भारत सरकार से आ रही है। किसानों के खाते में पैसा वापस क्यों गया है। इसकी कोई जानकारी उन्हें नहीं है शिकायत आने पर इसकी जांच पड़ताल कराई जाएगी।
बरईपार संवाददाता के अनुसार क्षेत्र के यूनियन बैंक की शाखा से 300 किसानों के खाते से किसान सम्मान निधि का पैसा वापस चला गया है ऐसे किसानों को पैसा आने का मैसेज आया था। लेकिन जब वापसी का मैसेज हुआ तो उन्हें बड़ा झटका लगा लोग भागकर बैंक में गए।
शाखा प्रबंधक बरईपार यूनियन बैंक नारायण सिंह का कहना है कि इसमें बैंक की कोई भूमिका नहीं है पैसा सरकार ने भेजा था वही वापस गया है। किशुनीपुर गांव निवासी क्षमानाथ पांडे का कहना है कि 24 फरवरी को खाते में दो हजार जमा होने का मैसेज आया और जब बैंक में निकालने गया तो पता चला कि पैसा वापस चला गया है। इसको सुनकर बहुत कष्ट हुआ। गोहदा गांव निवासी रमाशंकर का कहना है कि पैसा आने पर बड़ी खुशी हुई थी लेकिन जब बैंक में निकालने आया तो पैसा नहीं मिलने से बड़ी निराशा हुई। अब देखना है कब तक पैसा आता है। भाऊपुर गांव निवासी का कहना है उग्रसेन सिंह का कहना है कि खाते में पैसा आने पर सोचा था चलिए खाद बीज खरीदने की दिक्कत नहीं होगी। लेकिन पैसा वापस चला गया। सकरा गांव निवासी हदीदुउल निशा का कहना है कि ऐसा लगता है सरकार उन्हें उल्लू बना रही है। इसी तरह बरईपार में समर बहादुर बनवासी, आरती, शांति, कमला, कंचन, रामकृपाल, प्रकाश गौड़, रामदेव यादव, हीरावती, धर्मराज ऐसे सैकड़ों नाम है जिनके खाते से पैसे वापस चले गए हैं।
केराकत संवाददाता के अनुसार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत ग्राम चहारनपट्टी “उदयचंदपुर” निवासी किसान सुभाष चंद जायसवाल का कहना है कि उनके मोबाइल खाते में 2000 आने का मैसेज उसी दिन आ गया था जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के खाते में पैसा डालने की घोषणा की थी। मैसेज पढ़कर खुशी हुई लेकिन बैंक में जाकर पता लगाए तो खाता में पैसा नहीं होने की जानकारी हुई। बदलापुर क्षेत्र के घनश्यामपुर निवासी शंभू नाथ मिश्रा के खाते में 24 फरवरी को आया पैसा 2 घंटे बाद ही वापस हो गया इस बात को लेकर किसान दुखी हैं। यूबीआई में खाता है इनमें से 100 से अधिक लोग हैं लेकिन बैंक अधिकारी जानकारी देने से परहेज कर रहे हैं।
खुटहन संवाददाता के अनुसार इमामपुर निवासी किसान सुनील कुमार गुप्ता का कहना है कि उनके मोबाइल पर मैसेज 2000 आने का आया था। यूनियन बैंक शाखा तिघरा जाकर पासबुक में एंट्री भी करा दिए लेकिन 2 दिन बाद जब पैसा निकालने गया तो पैसा वापस चला गया था। शाखा प्रबंधक बसंत कुमार से पूछने पर उन्होंने बताया कि जहां से पैसा आया था वहीं लौट गया है।
एलडीएम उदय नारायण ने बताया कि मामला संज्ञान में है इस में बैंकों कोई लापरवाही नहीं है डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसा आया था और कई ब्रांचों से पैसा वापस चला गया है।
मड़ियाहूं संवाददाता के अनुसार मड़ियाहूं स्टेट बैंक और यूबीआई के शाखा प्रबंधक ने भी बताया कि किसान सम्मान निधि का कोई भी डाटा हमारे यहां नहीं है।