जौनपुर। जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र में एक व्यापारी द्वारा उधार का पैसा ब्याज सहित लौटा देने के बाद भी ब्याजखोर द्वारा चार लाख जबरदस्ती मांगने और जान से मारने की धमकी देने और स्थानीय थाने की पुलिस द्वारा बार-बार प्रताड़ित करने पर व्यापारी ने पुलिस अधीक्षक से स्पीड पोस्ट पत्र भेजकर शिकायत करते हुए जानमाल के रक्षा की मांग किया है। व्यापारी ने कहा अगर पुलिस इसी तरह प्रताड़ित करती रही तो हम आत्महत्या करने को मजबूर होंगे।
नेवढ़िया थाना क्षेत्र के केशवपुर गांव निवासी रमेश चंद्र पांडेय का पुत्र जय कृष्ण पांडेय पानी का व्यापार करने के लिए इसी गांव के जय प्रकाश पांडेय के पुत्र विकास पांडेय से एक लाख उधार लिया था। विकास पांडेय रामपुर थाना क्षेत्र के कोटिगांव में सरकारी अध्यापक हैं और बताते है कि ब्याज में पैसे देने का भी कार्य करते हैं। व्यापारी विकास पांडेय अपना व्यापार करने के बाद बीते जुलाई माह में गांव के ही चार लोगों के सामने ब्याज सहित एक लाख रुपए लौटा दिया।
अध्यापक को ब्याज सहित पैसे लौटाने के बावजूद ब्याजखोर सरकारी अध्यापक विकास पांडेय जबरदस्ती उससे चार लाख ब्याज मांग रहा है, नहीं देने पर जान से मारने की भी धमकी दे रहा है। यही नहीं पीड़ित ने बताया कि नेवढ़िया थाने का एक सिपाही धर्मेंद्र कुमार बिंद जिसका मोबाइल नंबर 7905972969 है उसे बार-बार फोन करके थाने पर बुलाया जा रहा है और फोन पर ही प्रताड़ित करते हुए फर्जी मुकदमा दर्ज करने का भी धमकी दे रहा है। पूरा परिवार पुलिस के इस करतूत से सहमा हुआ है और घर से बाहर नहीं निकल रहा है। किसी तरह व्यापारी जय कृष्ण पांडेय सोमवार को मड़ियाहू तहसील पहुंचकर अधिवक्ताओं से मिलकर अपनी बात बताई और वहीं से पोस्ट ऑफिस जाकर पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र स्पीड पोस्ट से किया। पीड़ित पांडेय ने पुलिस अधीक्षक से ब्याज खोर से जान माल की रक्षा करने की मांग करते हुए, पुलिस द्वारा बार-बार प्रताड़ित कर फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी देने की जांच करवाने की मांग करते हुए जान माल की रक्षा करने की मांग किया है। पीड़ित पांडेय ने कहा अगर इसी तरफ ब्याजखोर के इशारे पर पुलिस प्रताड़ित करती रही तो हम आत्महत्या करने के लिए विवश होंगे। वही पीड़ित की माता प्रमिला पांडेय ने कहा कि अगर मेरे बेटे के साथ कोई अनहोनी होगी तो उसकी जिम्मेदार ब्याजखोर सहायक अध्यापक होगा।
बता दे की नेवढ़िया थाना क्षेत्र में इन दिनों ब्याजखोरों के आतंक से परेशान है बिना लाइसेंस के अवैध ढंग से ब्याज लेने का काम धड़ल्ले से जारी है। ब्याजखोरों की हालत यह है कि एक रूपए देंगे तो उसका 10 रूपए बनाएंगे जिसके कारण कई घर परिवार उजड़ता चला जा रहा है और कई तो आत्महत्या के लिए मजबूर है ब्याजखोरों से पुलिस भी मिली हुई है। कुछ माह पुर्व ब्याज के चलते ही एक विश्वकर्मा परिवार के पांच लोगों ने आत्महत्या भी कर लिया है।