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जौनपुर। श्रीमदभागवत कथा में भगवान ने किया पूतना का उद्धार, तालियों से गूंजा पंडाल, लगे जयकारे।

जौनपुर। बरसठी विकास खंड के खोइरी (खरगापुर) में चल रहे सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा में अयोध्या से आये कथा वाचक श्री श्री 1008 जगतगुरु श्रीधराचार्य महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा व्यास ने कहा कि प्रेम हो या द्वेष, लोभ हो या फिर मोह किसी भी भावना से यदि प्रभु से संबंध जुड़ जाए तो भगवान उसे अपनी शरण में ले लेते हैं। कृष्ण जन्म के बाद कंस को अपनी मृत्यु का भय सताने लगा और वह उन्हें पागलों की तरह ढूढ़ रहा था। एक दिन उसने पूतना नाम की राक्षसी को गोकुल धाम में भेज दिया। पूतना ने अपने स्तन में कालकूट विष लगाकर भगवान श्रीकृष्ण को अपनी गोद में ले लिया और उन्हें स्तनपान कराने लगी। वह बालकृष्ण को लेकर आकाश मार्ग से उड़ने लगी। धीरे-धीरे प्रभु जब दुग्ध के साथ उसके प्राणों को भी पीने लगे तो चीखने-चिल्लाने लगी। प्रभु ने मुष्टिका प्रहार कर उसका अंत कर दिया। कथा व्यास ने जब पूतना वध की कथा सुनाई तो पूरा पंडाल जय श्रीकृष्ण के उद्घोष से गूंज उठा। इस बीच कथा में मुख्य यजमान आशाराम शुक्ला ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया।इस अवसर पर प्रेमशंकर शुक्ला, बचऊ शुक्ला, उमाशंकर शुक्ला, हरेंद्र शुक्ला, नरेन्द्र शुक्ला, रमेश शुक्ला, जयशंकर शुक्ला, अवधेश (रामु), शुक्ला, रामजी पाण्डेय, सूरज, शिवम, दीपक, कुसुम शुक्ला, गमला देवी, सरिता त्रिपाठी, गायत्री देवी आदि लोग मौजूद रहे।

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