जौनपुर। वाह रे, सुरेरी पुलिस आए दिन अपने दुर्भावनापूर्ण रवैए के कारण चर्चा में बने रहने वाली सुरेरी पुलिस एक बार फिर चर्चा में बनी हुई है। मामला सुरेरी थाना क्षेत्र के कोहड़ौरा गांव का है। गांव निवासी पीड़ित प्रदीप मिश्रा पर एससी एसटी एक्ट में वारंट चल रहा था। जहां पीड़ित बीते 21 नवंबर को ही न्यायालय में उपस्थित होकर अपना अंतरिम जमानत करा लिया था जो 11 दिसंबर तक वैध था।
“न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रही सुरेरी पुलिस, पीड़ित ने हेड मुहर्रिर पर जेल ना भेजने के नाम पर 50 हजार मांगने का लगाया आरोप।
पीड़ित पुलिस के आगे रोता रहा गिड़गिड़ाता रहा और रिहाई का पेपर दिखाता रहा लेकिन पुलिस ने भेज दिया जेल।”
इसी बीच उक्त मामले में ही बीते 27 नवंबर को सुरेरी पुलिस द्वारा उक्त युवक को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़ित युवक का आरोप है कि पुलिस जब गिरफ्तार कर सुरेरी थाने पर ले गई तो थाना कार्यालय में तैनात हेड मोहर्रिर अनिल साहनी द्वारा जेल ना भेजने के नाम पर पचास हजार रुपए की मांग किया जाने लगा। वहीं पीड़ित युवक हेड मोहर्रिर के आगे रोता, गिड़गिड़ाता रहा और न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत का कागजात भी दिखाता रहा लेकिन हेड मोहर्रिर ने पीड़ित युवक की एक ना सुनी, और पीड़ित युवक को यह कहते हुए जेल भेज दिया कि पुलिस के पास कितनी पावर है इसका एहसास तुम्हें अब होगा। जबकि पीड़ित युवक न्यायालय द्वारा मिले जमानत के कागजात को भी दिखाता रहा। इसके बावजूद भी पीड़ित युवक को जेल भेज दिया गया। वहीं पीड़ित युवक दो दिन जिला कारागार से जेल काटने के बाद पुनः जमानत पर घर पहुंचा और घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इस संदर्भ में थानाध्यक्ष सुरेरी प्रियंका सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे अग्रिम जमानत की कोई जानकारी नहीं थी।