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जौनपुर। मड़ियाहू नगर की चिर परिचित बुआ नहीं रही, शनिवार की रात ली अंतिम सांस।

जौनपुर। मड़ियाहू नगर की चिर परिचित चेहरा रजिया सुल्ताना उर्फ बुआ नहीं रही। वह 72 वर्ष की थी। लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस लिया।

फोटो- अपनी पोती के साथ मरहुमा रजिया सुल्ताना उर्फ बुआजी

मरहुमा रजिया सुल्ताना मड़ियाहू नगर की गढ़ही मोहल्ले की निवासी थी। मड़ियाहू नगर पंचायत के प्रथम नगर अध्यक्ष जनाब मरहुम इदरीश फारूकी की सबसे छोटी बेटी रही। जबकि नगर पंचायत अध्यक्ष रुकसाना कमाल फारूकी की मरहुमा रजिया सुल्ताना फुफिया सासु रही। वह बीते कई दिनों से बीमार थी। जिन्हें नगर पंचायत अध्यक्ष रुकसाना एवं भतीजे डा. दाऊद ने ले जाकर लखनऊ के एक अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज करा रहे थे। शनिवार की रात उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस लिया। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए मड़ियाहू के गढ़ही मोहल्ला स्थित अपने आवास पर ले आई है। जहां पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है। बुआ जी के जनाजे को रविवार की शाम 6:30 बजे लेकर काजीकोट स्थित अपने निजी कब्रिस्तान में मगरीब बाद दफन कर मिट्टी दी जाएगी।

फोटो- गढ़ही मोहल्ले में शोक संवेदना व्यक्त कर पहुंचे नगरवासी

आयरन लेडी के नाम से विख्यात मरहुमा रजिया सुल्ताना का नाम मड़ियाहू नगरवासी अदब से बुआजी कह कर पुकारते थे। चूंकि मरहुमा घर में सबसे छोटी थी और बच्चे उन्हें बुआ जी कहते थे। बुआ जी घर की लाडली थी और समाज सेवा में इतना तल्लीन रहती थी कोई भी गरीब, मजलूम, पीड़ित व्यक्ति उनके पिता मरहुम इदरीश फारूकी के पास पहुंचकर अपनी पीड़ा कहता था तो बेटी राजिया सुल्ताना सबसे आगे पहुंचकर आमोखास के दु:खों को हरने का काम करती थी। घर से जिधर भी उन्हें पुकारा जाता था वह बुआ कह कर ही पुकारा जाता था। जिसके कारण धीरे-धीरे उनके सम्मान में उनका नाम रजिया गायब हो गया और उन्हें नगर वासी मुस्लिम हो, हिंदू हो, सिख हो, अथवा ईसाई सभी उन्हें बुआ के नाम से पहचानने लगे।
करीब 1980 के दशक में कांग्रेस का परचम लहरा रहा था जिसके कारण उन्होंने कांग्रेस के महिला संगठन में अपनी भागीदारी किया और मड़ियाहू में कांग्रेस के झंडे तले उन्होंने समाज सेवा का कार्य शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्टी से जुड़कर कांग्रेस के झंडे को मड़ियाहू में बुलंदियों तक पहुंचाने में अपना काफी योगदान दिया।
1990 में मड़ियाहू नगर की अध्यक्ष के रूप में स्व. लालजी सेठ चयनित हुए उन्हीं के साथ ही मरहुमा रजिया सुल्ताना सभासद के लिए चुनाव लड़ी और भारी जीत दर्ज किया। जिसके बाद नगर वासियों ने उन्हें लगातार तीन कार्यकाल तक सभासद के रूप में समाज सेवा करने का मौक़ा दिया। अपनी उम्र के साथ ही चुनाव को अलविदा कह दिया।
मरहुमा बुआ जी नगर में कभी भी किसी साधन से नहीं बल्कि पैदल चलकर ही लोगों से मिलती थी। उनकी रफ्तार इतनी तेज तेज थी की एक आम आदमी उनके साथ चलने में पीछे रह जाता था।
वर्ष 2023 की नगर पंचायत मड़ियाहूं की चुनाव में महरूमा रजिया सुल्ताना उर्फ बुआ पैदल ही अपनी बहू के लिए वोट मांगा और विजयी भी कराने का कार्य किया।
आज बुआ जी नहीं है उनके किए गए कार्यों, वादों एवं विचारों को याद कर लोगों में एक कमी महसूस की जा रही है।

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