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जौनपुर। मड़ियाहूं नगर निकाय चुनाव में भाजपा का सिंबल त्रिकोणी दांव-पेच में फंसा, 15 अप्रैल तक मिलने का दावा

जौनपुर। मड़ियाहूं नगर पंचायत में निकाय चुनाव की नामांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों में सिंबल पाने के लिए घमासान जारी हो गया है। भाजपा के प्रत्याशियों का पत्ता नहीं खुलने से भाजपा में सिंबल के लिए त्रिकोणी प्रत्याशियों की गहमागहमी जारी हो गया है।
बता दें कि मड़ियाहूं में इन दिनों भाजपा प्रत्याशियों की सूची में सिंबल पाने के लिए जोरदार लड़ाई चल रही है। जिसमें कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कमला प्रसाद साहू, काफी दिनों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दामन थाम कर चलने वाले विनोद जायसवाल की पत्नी सोनी जायसवाल एवं भाजपा पार्टी में कार्यकर्ता से काम कर पदाधिकारी तक पहुंचने वाले मनोज चौरसिया पार्टी सिंबल के मैदान में मजबूती के साथ दिखाई पड़ रहे हैं।


इन तीनों के मैदान में आ जाने से मड़ियाहूं भाजपा दो खेमों में भी बट चुकने की कयास लगाए जा रहे है। राजनीतिक विश्लेषणों की माना जाए तो कमला प्रसाद साहू के पास कुछ बैलेंस वोट होने के कारण जनता उन्हें प्रबल दावेदार मान रही हैं, तो सोनी जायसवाल अपनी बिरादरी में अच्छी पैठ के लिए जानी जा रहे हैं। वही दो दिन पहले सभासद से अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में कूदे मनोज चौरसिया को कुछ भाजपा संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ होने के कारण उनकी भी वोट की राजनीति मजबूत देख रहे है। इसके अलावा मड़ियाहूं नगर में सिंबल के दावेदार में नंदिता जायसवाल, नितेश सेठ, श्रीमती केवला मोदनवाल समेत अन्य लोग भी टिकट के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं। पूर्व सभासद नितेश जायसवाल और कमला साहू ने अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र भी खरीद लिया है। ऐसा भी माना जा रहा है कि अगर भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वह अध्यक्ष पद के लिए निर्दल भी मैदान में कूद सकते हैं। लेकिन जनता के बीच भाजपा के लिए समर्पित भी बता रहे हैं। इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता की नामांकन तक क्या हो सकता है क्या नहीं।
सूत्रों की मानी जाए तो दो दिन पहले तक भाजपा में सोनी जायसवाल की गहरी पैठ दिखाई पड़ रही थी लेकिन मनोज चौरसिया के मैदान में आ जाने के कारण उनकी पैठ सिंबल लेने में धीमी पड़ गई।


भाजपा की एक जिला संगठन पदाधिकारी की माना जाए तो कमला साहू, सोनी जायसवाल, मनोज चौरसिया प्रबल दावेदार के रूप में संगठन में चल रहे हैं। मंथन हो रहा है 15 अप्रैल से लेकर 16 अप्रैल तक सब दूध में पानी की तरह साफ हो जाएगा और सिंबल के साथ प्रत्याशी मैदान में उतर कर आ जाएंगे।
फिलहाल निकाय चुनाव का परिणाम चाहे जो भी रहे लेकिन भाजपा पार्टी में प्रत्याशियों में सिंबल लेने के लिए घमासान जारी है। जिसको सिंबल मिल जाएगा उनकी पहली जीत माना जाएगा।

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