जौनपुर। रामपुर विकासखंड के धनंजयपुर गांव में जेई एव बड़ेबाबू की मिलीभगत से मनरेगा के तहत कराए गए लाखों रुपए का कार्य का भुगतान वर्षों बीत जाने के बाद भी नहीं हो सका। मामला खुलने के बाद अब ब्लॉक के अधिकारी लीपापोती करने में जुटे हुए हैं। पीड़ित काम कराने वाला ठेकेदार कहीं बाबू का पुतला दहन कर रहा है तो कहीं ब्लॉक पर जाकर धमाचौकड़ी मचाने का काम कर रहा है इसके बावजूद संबंधित अधिकारी लाखों गमन कर चुके कर्मचारियों की जांच करने के बजाए पूरा गमन का ठीकरा ठेकेदार पर ही थोप दे रहे है।
धनंजयपुर गांव में मनरेगा के तहत त्रिस्तरीय ग्राम पंचायत होने के बाद मोहम्मद शरीफ के घर से जियाउल्ला के घर तक व खुर्शीद आलम के खेत से मोहम्मद शब्बीर के घर तक व श्रीपति पाठक के मशीन से बशीरपुर मेन खड़न्जा तक व नशीर अहमद के खेत से समीउज्जमा के घर तक ठेकेदार अरशद ने जेई शिवशंकर मौर्य 5:50 लाख का इस्टीमेट से काम का मास्टर रोल व एम्बी के साथ मनरेगा मजदूरों से कार्य कराया।
ठेकेदार अरशद का आरोप है कि मनरेगा के कार्यों के कराने के बाद में मजदूरी भुगतान 5:50 लाख रामपुर ब्लाक के बड़े बाबू धनन्जय, ग्राम पंचायत अधिकारी वरूण कुमार व पंचायत मित्र इन्दु प्रकाश पटेल ने कागजों की बाजीगरी करते हुए पैसा निकाल लिया। लेकिन कार्य करवाने वाले ठेकेदार अरशद को नहीं दिया। पीड़ित ठेकेदार ने इसकी शिकायत कई-कई बार मुख्यमंत्री पोर्टल और जिलाधिकारी के यहाँ किया। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद पीड़ित ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर कर मामले की कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। उसके बावजूद जिला प्रशासन न ही मनरेगा मज़दूरों को मज़दूरी दे रहा है और न ही इन अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने को तैयार है। जिला प्रशासन शिकायतों के बाद ही धनन्जय बड़े बाबू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते हैं। आरोप तो यहां तक है कि बड़े बाबू धनंजय दलित वर्ग से आते हैं और ठेकेदार अरशद को फर्जी मुकदमे में हंसा देने की धमकी लगातार दे रहे हैं जिसकी शिकायत लिखित रूप में अधिकारियों से कर चुका है।