जौनपुर। जनपद के रामपुर विकासखंड स्थित ग्रामसभा कोहड़ा आजादी के बाद से बनवासी बस्ती में विकास की रोशनी पाने के लिए तरस रही है। उत्तर प्रदेश सरकार चाहे जितने भी दावे कर ले लेकिन कोहड़ा गांव के मुसहरों का 21 वीं शताब्दी बीत जाने के बाद भी विकास उनसे कोसों दूर है। बस्ती में जाने के लिए वनवासी आज भी पगडंडियों का सहारा लेते हैं। एक परिवार को बच्चों की लेमन जूस की तरह राशन कार्ड देकर कई घरों को राशन कार्ड से दूर रखा गया है। पूरा बस्ती आज भी आकाश मे निकले चन्द्रमा की रोशनी में जीवन गुजार रहे है। वही पूर्व ग्राम प्रधान कड़ेदीन 2-3 मुसहरों को पीएम आवास दिया था लेकिन आवास बनाने के नाम पर खाते से पैसा निकाल कर खा डाला। इस समय गांव की मौजूदा प्रधान राजू पटेल की पत्नी श्वेता पटेल है वोट लेने के लिए बस्ती में जरूर पहुंची थी लेकिन जीतने के बाद वह कभी वापस नहीं लौटी। ऐसा नहीं है कि बस्ती के लोग प्रधान के घर जाकर अपनी पीड़ा बयान नहीं किया लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई।बस्ती की शंभू बनवासी, अमृता बनवासी, राजू बनवासी, सूरज बनवासी, भोला बनवासी, सरिता बनवासी सब प्रधान के जहरीले दंश को आए दिन झेल रही है। इस जहरीले दंश से उबी बस्ती के पास जो भी जाता है तो औरतें मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर देती हैं। बस्ती में किसी ऐसे महामना के आने के लिए आंखें इंतजार करती रहती है जो आकर विकास की इस नैया को पार लगा दे।