जौनपुर। शाहगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दलालों के चंगुल में फंस चुका है। बेखौफ हो डाक्टर बाजार की दवा व जांच लिख रहे हैं। यह सब मोटी कमिशन के चक्कर में चल रहा है। अधीक्षक समेत सभी डाक्टरों के चैम्बर तक है दलालों की घुसपैठ आम बात है।
मोदी योगी सरकार के निशुल्क चिकित्सा अभियान को उन्हीं के अधिकारी कर्मचारी पलीता लगाने में जुटे हैं। भारी भरकम तनख्वाह के बावजूद इनका आला उठा तो दवा समेत जांच में कमीशन तय माना जाता है। जिसके चलते लोग काबिल चिकित्सक होने के बावजूद झोलाछाप चिकित्सकों से दवा लेना बेहतर समझते हैं। चिकित्सकों के कमरे व बाहर मेडिकल स्टोर व पैथोलॉजी सेंटर के दलाल पूरी तरह सक्रिय रहते हैं। मरीज के बाहर निकलते ही दवा की पर्ची ले अपने अपने ठिकाने पर पहुंचा देते हैं। खास बात यह है कि दो बजे ड्यूटी समाप्त होने के पहले इन डाक्टरों को तक कमीशन नगद में भुगतान हो जाता है।
भरौली गांव निवासी गुफरान अहमद ने बताया कि सीएचसी पर आया तो चिकित्सालय से तीन दवा मिला वहीं छोटे पर्चे पर बाहर की पांच दवा लिखा गया। वहीं जाचं भी बाहर कराये। जिसमें सप्ताह भर हेतु कुल नौ सौ सत्तर रुपये भुगतान करना पड़ा। ऐसा ही हाल नगर निवासी मंजू सिंह का रहा। वे बताती है कि डाक्टर के गेट पर ही एक व्यक्ति ने दवा व जाचं की पर्चा ले लिया। खानापूर्ति हेतु सरकारी पर्चे पर लिखा दवा लेने के बाद बाहर की दवा लिया। दवा डाक्टर को दिखाया भी गया। ऐसा प्रकरण प्रतिदिन सीएचसी पर आम है।
इस बावत चिकित्सा अधीक्षक डा रफीक फारुकी से जब पूछा गया तो इसकी पुष्टि की। कहा शुक्रवार को चिकित्सालय में मुआयना करने के दौरान एक चिकित्सक के कमरे में एक प्राइवेट पैथोलाजी सेन्टर का आदमी पाया गया। जिस पर जहां उक्त व्यक्ति को चेतावनी दी गयी कि यदि दोबारा यहां पाये गये तो पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया जायेगा वहीं चिकित्सक को भी विभागीय कार्रवाई हेतु चेताया गया है। वहीं कहा कि वहीं दवा बाहर से लिखी जा रही है जो बेहद आवश्यक है। हालांकि अपनी गलती मानते हुए चिकित्सालय में व्यवस्था सुधार की बात कही।
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