अभिनेता नसीरूद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह का परिवाद दायर
अभिनेता द्वारा दिए गए वक्तव्य पर परिवादी की धार्मिक भावनायें हुईं है आहत
विधि संवाददाता
रवीन्द्र बिक्रम सिंह
जौनपुर(24दिस.)। फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह व धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद आनंद श्रीवास्तव द्वारा एसीजे सीनियर डिविजन द्वितीय धनंजय मिश्र की अदालत में दायर किया गया। परिवाद की पोषिणियता पर सुनवाई के लिए 3 जनवरी तिथि नियत की गई।
अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव का आरोप है कि अभिनेता द्वारा वेबसाइट पर भड़काऊ वक्तव्य दिया गया जिसे मीडिया पर देख व सुनकर उनकी व गवाहों की भावनाएं आहत हुईं।परिवादी की ओर से अधिवक्ता रवीन्द्र बिक्रम सिंह वहिमांशु श्रीवास्तव ने कोर्ट में तर्क दिया कि नसीरुद्दीन भली-भांति जानते हैं कि उनके वक्तव्य का देश के नागरिकों पर व्यापक असर पड़ता है।उन्हें इस देश ने इतना प्यार दिया,शोहरत दी और कई अवॉर्ड भी उन्हें मिले इसके बावजूद उन्होंने वेबसाइट पर वक्तव्य दिया कि देश के समाज के माहौल में काफी जहर फैल चुका है। हालात जल्दी सुधारते नजर नहीं आ रहे।हिंदुस्तान में डर लगता है,फिक्र है कि कल उनके बच्चों को किसी भीड़ ने घेर लिया और पूछा कि वह हिंदू है या मुसलमान तो उनके पास जवाब नहीं होगा।इस देश में कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है।मीडिया में नसीरुद्दीन द्वारा यह वक्तव्य देकर परिवादी के अलावा अनीश श्रीवास्तव,शैलेश मिश्र,सूर्यमणि,बृजेश निषाद व देशवासियों के मन में विधि द्वारा स्थापित सरकार के प्रति घृणा व अवमान पैदा करने का प्रयास किया जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है।उनमें भय व सुरक्षा की भावना पैदा हुई और उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई।देश में चारों तरफ उनके वक्तव्य का विरोध हो रहा है।देश की एकता व अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।परिवादी ने आरोपी अभिनेता को तलब कर दंडित करने की कोर्ट से मांग किया। अधिवक्ता ने मीडिया के समक्ष कहा कि अभिनेता को दिए गए पद्म भूषण पद्म श्री व नेशनल फिल्म अवॉर्ड वापस होने चाहिए।